पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं 5 हॉस्पिटल के पेसिफिक आईवीएफ विभाग की साइन्टिफिक डॉयरेक्टर डॉ. मनीषा वाजपेयी को इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी द्वारा अचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। डॉ. मनीषा को यह सम्मान दिल्ली में 19वीं वार्षिक कांफ्रेंस 'फर्टीविजन 2023' के दौरान इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी के प्रेसिडेंट डॉ. के. डी. नायर द्वारा उनको प्रजनन चिकित्सा (रिप्रोडक्टिव मेडिसिन) के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया। राजस्थान से निःसंतानता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए डॉ. मनीषा को इस साल में यह तीसरी बार सम्मान मिला है। डॉ. मनीषा को इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन के राष्ट्रीय सम्मेलन में ऐम्ब्रियोलॉजी ऐक्सिलेन्स अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। राजस्थान से यह पुरस्कार पाने वाली डॉ. मनीषा वाजपेयी एक मात्र एम्ब्रियोलॉजिस्ट है।
यूनेस्को संचालित महात्मा गांधी शिक्षा व स्थायी विकासार्थ शिक्षा संस्थान’’ के संचालक मण्डल की दिल्ली के इम्पीरियल होटल में आयोजित की जा रही ११वीं वार्षिक बैठक की अध्यक्षता, संस्थान के अध्यक्ष प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा करेंगे और वर्ष २०२३ का वार्षिकप्रतिवेदन पुस्तुत करेंगे प्रोफेसर शर्मा ने बतलाया कि गवर्निंग बोर्ड की इस बैठक में जापान की सश्री एको डोडेन इंग्लैण्ड की सुश्री बेकी ट्रांसिस इण्डोनेशिया की सुश्री एच.एच. जी.के.आर. ह्यू, श्रीलंका के मोहन मनसिंगे एवं मंगोलिया के ओयूमा पूरेवडोर्ज बोर्ड के सदस्य के रूप में भाग लेने आ रहे हैं। गवर्निंग बोर्ड अध्यक्ष एवं पेसिफिक विश्वविद्यालय समूह के अध्यक्ष प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा ने बताया कि यूनेस्को - महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेषन फॉर पीस एण्ड सस्टेनेबल डेवलपमेण्ट के गवर्निंग बोर्ड में पदेन सदस्य के रूप में भारत सरकार के शिक्षा सचिव संजय के मूर्ति एवं नीपा की कुलपति शशिकला वंजारी भाग लेंगे।
उदयपुर । मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के जनरल मेडिसिन विभाग की ओर से विश्व डायबिटीज डे सप्ताह का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम संयोजक डॉ. जगदीश विश्नोई ने बताया कि विश्व डायबिटीज डे सप्ताह के अर्न्तगत 22 नवम्बर तक विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनता को डायबिटीज के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस दौरान निःशुल्क जॉच शिविर, जन जागरूकता रैली मैराथन, एमबीबीएस, नर्सिंग एवं पीजी के विधार्थीयों के लिए क्विज कॉम्पिटीशन, पोस्टर कॉम्पिटीशन एवं कार्यशाला आयोजित की जाएगी। पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल ने इस मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि पूरे सप्ताह शारीरिक शिक्षा के माध्यम से डायबिटीज के कारक, जोखिम कारक,लक्षण एवं रोकथाम के बारे में पूरे शहर में अवगत करवाया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. के. आर. शर्मा ने समारोह में उपस्थित छात्र छात्राओं को डायबिटीज रोग के बारे में विस्तृत जानकारी मुहैया करवाते हुए इस बीमारी से बचाव में मेडिकल प्रोफेशनल की जिम्मेदारी पर जोर दिया।
पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पिटल में 77 वर्षीय गुलाबी बाई के पित्त की थैली से 7 सेन्टीमीटर एवं 45 ग्राम वजनी पथरी को निकालकर उसे दर्द से निजात दिलाई। इस सफल आपेरशन में वरिष्ठ सर्जन डाॅ.के.सी.व्यास,डॉ धवल शर्मा,डाॅ.केविन,ऐनेस्थिशिया विभाग के डॉ. प्रकाश औदिच्य, डाॅ. प्रशान्त, नंदिनी, चिंतामणि परमेश्वर, फूलशंकर एवं शहनाज की टीम का सहयोग रहा। दरअसल 77 वर्षीय गुलाबी बाई कोे पेट में दर्द के चलते डाॅ. के.सी.व्यास को दिखाया तो जाॅच कराने पर मरीज की पित्त की थैली में बड़ी पथरी का पता चला जिसका दूरबीन द्वारा आॅपरेशन से इलाज संभव था। उम्रदराज होने के कारण एनेस्थर्सिया मैनेजमेंट भी जटिल था लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम एवं वेहतरीन इन्फ्रसस्क्ट्रचर के चलते यह सम्भव हो सका।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में प्रौद्योगिकी पर कार्यशाल
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल के कैंसर रोग सर्जरी विभाग ने स्कल्प(खोपड़ी) के स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा से पीढ़ित महिला का सफल आपरेशन एवं पुःनिर्माण कर इस बीमारी से राहत दिलाई। इस सफल आपरेशन में कैन्सर रोग सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा, न्यूरो सर्जन डा. नरेन्दमल, बर्न एवं प्लास्टिक सर्जन डा. गुरूभूषण, निश्चेतना विभाग के डा. प्रकाश औदिच्य, डा. विक्रम एवं टीम का सहयोग रहा। दरअसल दक्षिणी राजस्थान निवासी 32 बर्षीय महिला जयश्री के सिर में पिछले 5-6 महिनो से घाव था जो कि सही नहीं हो रहा था परिजनों ने कई जगह दिखाया लेकिन दूसरी जगह बीमारी की जटिलता को देखते हुए आपरेशन से मना कर दिया, साथ ही आर्थिक स्थिति एवं चिंरजीवी कार्ड के सक्रिय न होने के करण उपचार के अत्यधिक खर्च के कारण ईलाज कराने में असर्मथ थें।
पेसिफिक मेडिकल कालेज एण्ड हास्पिटल के मेडीसिन विभाग ने स्क्रब टाइफस से पीढ़ित 32 वर्षीय महिला को नया जीवन दिया। राजसमन्द जिले के देवगढ़ निवासी 32 बर्षीय महिला टमूबाई को परिजन अत्यंत गंभीर में अवस्था मं पीएमसीएच के आपातकालीन विभाग में लेकर आए यहा मेडीसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. निलेश पतीरा ने तुरन्त मरीज की जाच करवाई तो मरीज को स्क्रब टायफस मायोकार्डिटिस की गंभीर बीमारी का पता चला। मरीज की गंभीर स्थिति को देखतें हुए मरीज को तुरन्त आईसीयू में शिफ्ट किया गया। डॉ. निलेश पतीरा ने स्पष्ट किया कि मरीज को स्क्रब टायफस (मौसमी बीमारी का एक प्रकार) इन्फेक्शन था। जिसके चलते उसे मिर्गी के दौरौ के साथ साथ मायोकार्डिटिस (हृदय की दीवारों में इन्फेक्शन) का भी पता चला। मरीज को दो दिन वेन्टीलेटर पर भी रखा गया। स्क्रब टायफस मायोकार्डिटिस अत्यंत गंभीर बीमारी है एवं इसके 2 से 10 फीसदी ही केस देखने को मिलते हैं।
उदयपुर के भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में 20 वर्षीय युवक की क्षतिग्रस्त ऑतों का सफल ऑपरेशन कर जान बचाई। सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.एच.पी.गुप्ता के नेत्तृव में हुए इस ऑपरेशन में जनरल एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. घवल शर्मा, डॉ. गौरव वधावन, डॉ. विकेश जोशी, डॉ. माधव, एनेस्थेसिया विभाग की डॉ. स्वाति शर्मा, अनिल भट्ट एवं आईसीयू की टीम का सहयोग रहा। उदयपुर निवासी 20 वर्षीय युवक को पेट में चाकू लगने के बाद परिजन पीएमसीएच लेकर आए
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के जनरल मेडिसिन विभाग की ओर से “कोविड-19 की गंभीरता, मृत्यु दर एवं कोविड-19 वैक्सीन लगने के बाद गंभीरता से बचाव में विभिन्न पहलुओं पर आधारित“ रिसर्च को यूएसए की गर्वनमेन्ट लाइब्रेरी (पबमेड सेन्ट्रल) में सूचीबद्ध जर्नल ऑफ मेडिसिन एंड लाइफ इंटरनेशनल में प्रकाशित किया है। जर्नल ऑफ मेडिसिन एंड लाइफ इंटरनेशनल में प्रकाशित इस रिसर्च में कोविड-19 की गंभीरता, मृत्यु दर एवं कोविड-19 वैक्सीन लगने के बाद गंभीरता से बचाव में विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन करने के बाद यह पाया गया कि कोविड-19 दो वैक्सीन लगने के बाद इससे संक्रमण की दर कम हो पाती है एवं यह गंभीरता से बचाव में सहायक है।
उदयपुर के भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में ढ़ाई साल की मासूम का पेल्विक टेराटोमा का सफल ऑपरेशन कर नया जीवन दिया। इस सफल ऑपरेशन में बाल एवं नवजात शिशू सर्जन डॉ.प्रवीण झंवर, डॉ. सबरीना, एनेस्थेसिया विभाग के डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. जोसिया, पीआईसीयू से डॉ. पुनीत जैन, डॉ. सन्नी मालवीय, डॉ. पलक जैन, विष्णू, संजय एवं मनीष की टीम का सहयोग रहा। दरअसल भीलवाड़ा निवासी ढ़ाई बर्षीय मयूरा को पेट में दर्द की शिकायत केे चलते स्थानीय चिकित्सक को दिखाया तो पता चला कि बच्चें को थोडी गंभीर समस्या है तो उन्होंने परिजनों को बच्चें को पीएमसीएच ले जाने को कहा।
बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है,और ऐसी ही सर्पदंश से पीढ़ित महिला को उदयपुर के भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल नें नया जीवनदान दिया। इस सफल उपचार में मेडिसिन विभाग के सह-आचार्य डॉ. निलेश पतीरा, आईसीयू विभाग के डॉ. मनिन्दर पाटनी, डॉ. ताशा पुरोहित, रेजीडेंट डॉ. रिषभ अग्रवाल, पूजा एवं टीम का योगदान रहा। दरअसल चित्तौड़गढ़ के रामाखेडा निवासी 31 बर्षीय महिला घीसीबाई को खेत में काम करते हुए सांप ने काट लिया। परिजन उसे झाड़-फूंक करने वाले के यहां ले गए,महिला की बिगडती हुई हालत को देखते हुए परिजन उसें रात 11 बजे पीएमसीएच के आपातकालीन ईकाइ में लेकर आए। यहां चिकित्सक डॉ. निलेश की टीम ने विना कोई समय गवॉए मरीज को उपचार कर आईसीयू में भर्ती किया।
दोनों आंखों में जन्मजात था मोतियाबंद उदयपुर। ठीक से दुनिया को अपनी नजरों से निहार भी नहीं पाया था कि पता चला उसके दोनों आंखों में मोतियाबिंद है, और ऐसे ही 4 साल के बच्चें की ऑखों की निःशुल्क सर्जरी कर उसको रोशनी के साथ साथ जीनें की नई दिशा दी पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल ने। इस सफल सर्जरी में नेत्र रोग सर्जन डॉ.राजेन्द्र चौधरी, एनेस्थिशिया विभाग के डॉ, प्रकाश औदिच्य, डॉ. समीर गोयल, डॉ. सलोनी सिंह, हरीश प्रजापत एवं हीरालाल का सहयोग रहा। सिरोही जिले की पिण्डवाडा के गांव कोजारी के रहने वाले 4 वर्षीय हिमांशू को जन्म से ही दिखाई देना कम होता जा रहा था परिजनों ने स्थानीय चिकित्सको को दिखाया तो मोतियाबिंद की बीमारी का पता चला। परिजन उसे भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक हॉस्पिटल लेकर आए जहॉ उसे नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र चौधरी को बताया तो जांच करने पर जन्मजात मोतियाबिंद का पता चला।
उदयपुर। ठीक से दुनिया को अपनी नजरों से निहार भी नहीं पाया था कि पता चला उसके दोनों आंखों में मोतियाबिंद है, और ऐसे ही 4 साल के बच्चें की ऑखों की निःशुल्क सर्जरी कर उसको रोशनी के साथ साथ जीनें की नई दिशा दी पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल ने। इस सफल सर्जरी में नेत्र रोग सर्जन डॉ.राजेन्द्र चौधरी, एनेस्थिशिया विभाग के डॉ, प्रकाश औदिच्य, डॉ. समीर गोयल, डॉ. सलोनी सिंह, हरीश प्रजापत एवं हीरालाल का सहयोग रहा। सिरोही जिले की पिण्डवाडा के गांव कोजारी के रहने वाले 4 वर्षीय हिमांशू को जन्म से ही दिखाई देना कम होता जा रहा था परिजनों ने स्थानीय चिकित्सको को दिखाया तो मोतियाबिंद की बीमारी का पता चला।
दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर में पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने गंभीर बीमारियों का पता लगाने के लिए सबसे उन्नत 256-स्लाइस सीटी स्कैन मशीन का उद्घाटन किया। गंभीर बीमारियों की पहचान करने में सहायता। उदयपुर, 18 जुलाई। मेडिकल हेल्थकेयर के क्षेत्र में, पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल अपनी लगातार उपलब्धियों के लिए मशहूर उदयपुर में आज दक्षिण राजस्थान की सबसे उन्नत 256-स्लाइस सीटी स्कैन मशीन का उद्घाटन किया गया। यह उद्घाटन पुरूषोत्तम मास के शुभ अवसर पर हुआ।
बच्चों को संस्कार माता के गर्भ से मिलना ही शुरू हो जाते हैं जो संस्कार बच्चों को 9 महीने में मिलते हैं उससे ही उनका ब्रेन विकसित होता है। संस्कार से संसार बनता है अगर बच्चों को हम अच्छे संस्कार नहीं देंगे तो बच्चा चाहे कितनी भी ऊंचाइयों पर पहुंच जाए वह सफल व्यक्ति नहीं बन सकता इसलिए सभी माॅ-बाप अपने बच्चों के संस्कारों पर ध्यान दे। यह बात ब्रह्मकुमारीज शिवानी बहन ने कही।
पैसिफिक मेडिकल अस्पताल में न्यूरोथियोलॉजी पर 10वां उदयपुर सम्मेलन पेसिफिक सेन्टर आफ न्यूरो साइन्सेस के डायरेक्टर डॉ. अतुलाभ वाजपेयी ने बताया कि इस सम्मेलन में न्यूरोथियोलॉजी में आध्यात्मिकता का न्यूरोलॉजिकल आधार को विभिन्न तकनीकी सत्रों के माध्यम से बताया जाएगा। न्यूरोथियोलॉजी का धर्म से कोई सीधा सम्बन्ध नहीं हैं। इस कार्यक्रम में आध्यात्म का न्यूरोलॉजिकल एवं वैज्ञानिक आधार पर चर्चा की जाएगी । इस सम्मेलन में ब्रह्माकुमारिज बी.के.शिवानी एवं विभिन्न पृष्ठ भूमियों से जुडें प्रख्यात व्यक्तियों द्वारा चर्चा में निकले निष्कर्षो का संकलन किया जायेगा ।
उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, उदयपुर एवं ब्रह्माकुमारिज आबू रोड के सहयोग से 11 जून को प्रातः 9 से दोपहर 2 बजे तक न्यूरोथियोलॉजी पर 10वाँ उदयपुर सम्मलेन स्वामी विवेकानंद सभागार, मोहनलाल सुखाडिया यूनिवर्सिटी, उदयपुर में आयोजित किया जाएगा। पेसिफिक सेन्टर आफ न्यूरो साइन्सेस के डायरेक्टर डॉ. अतुलाभ वाजपेयी ने बताया कि इस सम्मेलन में न्यूरोथियोलॉजी में आध्यात्मिकता का न्यूरोलॉजिकल आधार को विभिन्न तकनीकी सत्रों के माध्यम से बताया जाएगा।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में स्प्लेनिक हाइडैटिड सिस्ट की समस्या से ग्रसित मरीज का सफल ऑपरेशन कर मरीज को नया जीवन दिया।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में स्प्लेनिक हाइडैटिड सिस्ट की समस्या से ग्रसित मरीज का सफल ऑपरेशन कर मरीज को नया जीवन दिया। इस सफल ऑपरेशन में गेस्ट्रोसर्जन डॉ. विकेश जोशी, निश्चेतना विभाग के डॉ. प्रकाश औदिच्य, डॉ.विक्रम सिंह एवं अनिल भट्ट की टीम का सहयोग रहा। दरअसल बडी सादड़ी के बोहेडा निवासी 21 वर्षीय निहारिका को पिछले कई दिनों से पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द के साथ साथ गठान महसूस हो रही थी जिसके कारण भूख न लगने के कारण लगातार कमजोरी का अनुभव हो रहा था।
एक लाख में चार व्यक्तियों में पाई जाती है ये बीमारी उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में स्प्लेनिक हाइडैटिड सिस्ट की समस्या से ग्रसित मरीज का सफल ऑपरेशन कर मरीज को नया जीवन दिया। इस सफल ऑपरेशन में गेस्ट्रोसर्जन डॉ. विकेश जोशी, निश्चेतना विभाग के डॉ. प्रकाश औदिच्य, डॉ.विक्रम सिंह एवं अनिल भट्ट की टीम का सहयोग रहा। दरअसल बडी सादड़ी के बोहेडा निवासी 21 वर्षीय निहारिका को पिछले कई दिनों से पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द के साथ साथ गठान महसूस हो रही थी जिसके कारण भूख न लगने के कारण लगातार कमजोरी का अनुभव हो रहा था। परिजन मरीज को पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल लेकर आए यहॉ पर गेस्ट्रोसर्जन डॉ. विकेश जोशी को दिखाया तो जॉच करने पर मरीज को स्प्लेनिक हाइडैटिड सिस्ट नामक बीमारी का पता चला जिसका ऑपरेशन से ही इलाज सम्भव था।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के कैंसर रोग विभाग ने दस साल की बालिका को नया जीवन दिया।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के कैंसर रोग विभाग ने दस साल की बालिका को नया जीवन दिया। परिजनों ने विशेषज्ञ डॉ. मनोज महाजन को दिखाने पर ब्लड कैंसर का पता चला। इस पर बच्ची को 6 माह कीमोथैरेपी दी और दो साल तक दवाइयों से इलाज किया। डॉ: महाजन ने स्पष्ट किया कि पिछले 10-15 साल में कैंसर के ट्रीटमेंट में बहुत उन्नत और कारगर तकनीक आ गई हैं। इनके उपयोग से ब्लड कैंसर को भी पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
कैंसर अपने आप में बहुत खतरनाक बीमारी है और इनमें भी ब्लड कैंसर को सबसे खतरनाक माना जाता है, इसकी वजह है इस कैंसर के बढ़ने की स्पीड। माना जाता है कि ब्लड कैंसर अन्य सभी कैंसर की तुलना में सबसे तेज स्पीड से बढ़ता है। और ऐसी ही बीमारी एक्यूट लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) से पीड़ित 10 बर्षीय बालिका को पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के कैन्सर रोग विभाग ने निजात दिलाकर नया जीवन दिया। दरअसल उदयपुर निवासी दस वर्षीय बालिका के फेफडों में गंभीर इन्फेक्शन (निमोनिया) एवं श्वास लेने के तकलीफ के चलतें स्थानीय चिकित्सक को दिखाया तो जांच में पता चला कि मरीज को कैन्सर है। परिजनों ने बच्ची को कैन्सर रोग विशेषज्ञ डॉ.मनोज महाजन को दिखाया तों बच्ची को एक्यूट लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया(ब्लड कैंसर) का पता चला। सबसें पहले बच्ची को छहः महिने तक कीेमोंथैरेपी दी गई उसके बाद दो साल तक दवाईयो द्वारा इलाज चला।
उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के कैंसर रोग सर्जरी विभाग ने चेस्टवॉल साईंकोमा नामक कैंसर से पीढ़ित मरीज का सफल आपरेशन एवं पुःनिर्माण कर इस बीमारी से राहत दिलाई। इस सफल आपरेशन में कैन्सर रोग सर्जन डॉ.सौरभ शर्मा,बर्न एवं प्लास्टिक सर्जन डा. गुरूभूषण, निश्चेतना विभाग के डा. प्रकाश औदिच्य, डा. स्वाति शर्मा, डॉ. सबरीना एवं प्रवीण पंचैली की टीम का सहयोग रहा। सायरा निवासी वेल्डिंग का काम करने वाले 28 वर्षीय मुकेश के छाती में गांठ बन गई थी जो धीरे-धीरे बढ़ती गई मरीज ने स्थानीय चिकित्सालय में दिखाया लेकिन यह समस्या लगातार बढ़ती ही जा रही थी मरीज के परिजनों ने पीएमसीएच में कैन्सर सर्जन डाॅ. सौरभ शर्मा को बताया तों जाॅच कराने पर चेस्टवॉल साईंकोमा नामक कैंसर का पता चला।
उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के कैंसर रोग सर्जरी विभाग ने चेस्टवॉल साईंकोमा नामक कैंसर से पीढ़ित मरीज का सफल आपरेशन एवं पुःनिर्माण कर इस बीमारी से राहत दिलाई। इस सफल आपरेशन में कैन्सर रोग सर्जन डॉ.सौरभ शर्मा,बर्न एवं प्लास्टिक सर्जन डा. गुरूभूषण, निश्चेतना विभाग के डा. प्रकाश औदिच्य, डा. स्वाति शर्मा, डॉ. सबरीना एवं प्रवीण पंचैली की टीम का सहयोग रहा।
चिंरजीवी योजना के तहत हुआ निशुल्क इलाज
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल एवं उदयपुर चेप्टर ऑफ रेडियोलॉजी के साझा आयोजन में पीएमसीएच के डिपार्टमेंट ऑफ रेडियोडायग्नोसिस के थर्ड ईयर पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स का मॉक एग्जाम का आयोजन किया गया। इस मॉक एग्जाम को अहमदाबाद के प्रोफेसर डाॅ.आशुतोष दवे एवं प्रोफेसर डाॅ.दिगीश कुमार वागेला ने मुख्य परीक्षक बनकर लिया। पीएमसीएच के डिपार्टमेंट ऑफ रेडियो डायग्नोसिस के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ.कपिल व्यास ने बताया की इस प्रकार का कार्यक्रम उदयपुर मे पहली बार हुआ और इस आयोजन से सभी परीक्षार्थी लाभान्वित हुए। इस आयोजन मे डाॅ.आनंद गुप्ता, डाॅ.कुशल गहलोत एवं उदयपुर के सभी मेडिकल कॉलेज की रेडियोलॉजी विभाग की फैकल्टी भी सम्मिलित रही। इस कार्यक्रम में डाॅ.कृतिका ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तो वही डाॅ.ऋषभ मोहिंदरू एवं डाॅ.नेहा कोटिया द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग की ओर से हायपोस्पेडियस के प्रबंधन एवं नई तकनीकों पर लाइव सर्जीकल कार्यशाला का आयोजन किया गया। पीएमसीएच के प्रिसिंपल एवं डीन डॉ. एम. एम. मंगल ने बताया कि इस कार्यशाला में नॉरफॉक और नॉर्विच विश्वविद्यालय अस्पताल यू.के. के डॉ. आजाद बी. माथूर ने हायपोस्पेडियस सर्जरी की लाईव कार्यशाला के द्वारा चिकित्सकों को इस बीमारी की बारीकियों से रूबरू कराया।
पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पिटल में नर्सिग की जननी फ्लोरेन्स नाइटऐगंल के जन्मदिवस के अवसर पर मनाए जाने वाला अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस मे धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर पीएमसीएच की डाॅयरेक्टर प्रीति अग्रवाल, प्रिसिंपल डाॅ. एम.एम. मंगल, मेडिकल सुप्रिडेन्ट डाॅ. आर. के. सिंह, मेडिकल डाॅयरेक्टर डाॅ.दिनेश शर्मा, नर्सिग अधीक्षक भरतलाल पाटीदार एवं नर्सिग स्टाॅफ ने फ्लोरेन्स नाइटऐगंल के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्वलन कर पुष्प अर्पित कर एवं केक काटकर सभी नर्सिगकर्मियो को शुभकानाए प्रेषित की।
पेसिफिक मेडिकल विश्वविधालय के पेसिफिक कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी की ओर से एडवांस ड्राई नीडलिंग थैरेपी पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में न्यरो-मसक्यूलोस्केलेटल तकनीक के फाउण्डर डॉ.वर्धमान जैन द्वारा फिजियोथैरेपी के विद्यार्थियों को एडवांस ड्राई नीडलिंग थैरेपी के बारे में प्रेक्टिकल जानकारी दी। डॉ.जैन ने बताया कि नीडल थेरेपी मसल्स पेन को दूर करने के सबसे इफेक्टिव थेरेपी में से एक है। इस थैरेपी में प्रभावी जगह में छोटी सुईयों को ट्रिगर पॉइंट पर चुभाकर ट्रीटमेंट दिया जाता है। ये थैरेपी मसल्स पेन से राहत देने के अलावा शरीर की फ्लेक्सबििलटी को बढ़ाता है, इसके अलावा ये जॉइंट की रेंज में मोशन को बढ़ाता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और स्टिफनेस को कम करता है।
पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पिटल के चिकित्सकों ने 6 साल के बच्चे की श्वास नली में फसा ईमली का बीज निकाल कर उसे नया जीवन दिया। दरअसल उदयपुर जिले के गाॅव सोगडिया निवासी 6 बर्षीय बच्चा मिथुन ईमली खा रहा था कि अचानक से एक ईमली का बीज बच्चें की श्वास नली में फस गया। जिसके कारण उसे लगातार खांसी और सीने में दर्द के साथ साथ श्वास लेने में दिक्कत होने लगी। बच्चे की ऐसी स्थिति को देखतें हुए परिजन उसे तुरन्त पीएमसीएच की इमरजेन्सी में लेकर आए।
पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पिटल एवं उदयपुर सर्जिकल सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में चार दिवसीय रोबोटिक ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का उद्घाटन पीएमसीएच के चेयरपर्सन राहुल अग्रवाल,सीईओ शरद कोठारी,पीएमसीएच के प्रिसिंपल एवं डीन डाॅ.एम.एम.मंगल एवं उदयपुर सर्जिकल सोसाइटी के सचिव डाॅ.नवीन गोयल ने किया। पांच मई तक चलने वाले इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में विभिन्न स्लाॅट के माध्यम से पीएमसीएच के सर्जरी के चिकित्सकों के साथ साथ उदयपुर सर्जिकल सोसाइटी से जुडें सदस्यों को रोबोटिक साइमुलेटर के माघ्यम से रोबोटिक सर्जरी की बारीकियों के बारे में बताया जाएगा। इस दौरान डाॅ.एम.एम.मंगल ने बताया कि आधुनिक शल्य चिकित्सा के नए आयामों को जोड़ते हुए भविष्य की सर्जरी में आधुनिक एवं एडवांस तकनीक का समावेश करने हेतु इस प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है।
पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पिटल (पीएमसीएच) के चिकित्सकों की दो महीने की मेहतन रंग लाई है। डूगरपुर निवासी बेबी ऑफ सुमन (बदला हुआ नाम) जिसका वजन जन्म के समय सिर्फ 580 ग्राम था उसे पीएमसीएच अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। बच्चे का वजन अब बढ़कर 1.5 किलो तक हो गया है। बच्चा अब खतरे से बाहर है। और उसके सभी ऑर्गन पूरी तरह से काम कर रहे हैं। पीडियाटिक इन्टेसिविस्ट डाॅ.पुनीत जैन ने बताया कि मरीज की समय से पूर्व डिलिवरी हो गई और बच्चा सिर्फ 28 हफ्ते का और प्रीमच्योर था। बच्चे को तुरन्त नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में विशेष देखरेख के लिए एडमिट किया गया।
उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के यूरोलॉजी विभाग ने दुर्लभ बीमारी फियोक्रोमोसाइटोमा से पीढत ५९ बर्षीय महिला का सफल ऑपरेशन कर उसे इस बीमारी से छुटकारा दिलाया। इस सफल ऑपरेशन में यूरोलॉजिस्ट डॉ.हनुवन्त सिंह राठौड,डॉ.क्षितित रॉका,डॉ.विजय ओला,निश्वेतना विभाग के डॉ.प्रकाश औदिच्य,डॉ.समीर गोयल डॉ.निकिता बसेर,चन्द्रमोहन शर्मा एवं घनश्याम नागर के साथ-साथ ऑंको सर्जन डॉ सौरभ शर्मा का विशेष योगदान रहा।
पीएमसीएच के डीन डॉ. एमएम मंगल ने बताया कि इस सफल ऑपरेशन में ईएनटी सर्जन डॉ.सत्यप्रकाश दूबे की देखरेख में डॉ. पीसी अजमेरा, डॉ. राजेन्द्र गोरवाड़ा, डॉ. एसएस कौशिक, डॉ. महेश वी. के., डॉ. कश्मीरा, निश्चेतना विभाग के डॉ. प्रकाश औदिच्य एवं टीम का योगदान रहा। दरअसल खमनोर तहसील के दडवल गॉव निवासी 6 बर्षीय उर्मिला जन्म से सुनने और बोलने में अक्षम थ़्ाी। कई जगह दिखाया लेकिन इलाज महॅगा होने एवं आर्थिक परिस्थिति के कारण उपचार कराने में असर्मथ थे। परिजनो ने पेसिफिक हॉस्पिटल के ईएनटी विभाग के डॉ.पी,सी.अजमेरा के दिखाया तो कान से सम्बन्धित सभी जॉच करने के बाद पता चला की बच्ची के कोक्लेयर नर्व में दिक्कत है जिसके चलते वह सुन और बोल नहीं पा रही है। जिसका की कॉकलियर इम्प्लांट द्वारा ही उपचार सम्भव है।
पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय के पेसिफिक कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी को सेंट्रल जोन में बेस्ट कॉलेज के अवार्ड से नवाजा गया। यह अवार्ड इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपी की ओर से आयोजित 60वीं वार्षिक कांफ्रेंस में वर्ल्ड फिजियोथैरेपी के सीईओ एवं प्रेसिडेंट के नेतृत्व में इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपी के प्रेसिडेंट डॉ. संजीव झा, जनरल सैकेट्ररी डॉ. केएम अन्नामलाई एवं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ. रुचि वार्ष्णेय द्वारा कॉलेज के डीन डॉ. जफर खान को दिया गया।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के कैंसर रोग सर्जरी विभाग ने स्कल्प (खोपड़ी) के स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा से पीडित मरीज का सफल ऑपरेशन कर बीमारी से राहत दिलाई। ऑपरेशन में कैंसर रोग सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा, न्यूरो सर्जन डॉ.नरेन्द्रमल, बर्न एवं प्लास्टिक सर्जन डॉ. गुरूभूषण, निश्चेतना विभाग के डॉ.प्रकाश औदिच्य, डॉ. निकिता बसेर एवं टीम का सहयोग रहा।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के गेस्ट्रोसर्जरी विभाग में क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस के मरीज के पैंक्रियाज से 32 एमएम का स्टोन निकाला। ये जटिल ऑपरेशन ग्रेस्ट्रो सर्जन डॉ. विकेश जोशी, निश्चेतना विभाग के डॉ. प्रकाश औदीच्य, डॉ. विजय चाहर, अनिल भट्ट की टीम ने किया।
उदयपुर (Udaipur). पेसिफिक यूनिवर्सिटी, पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल तथा पेसिफिक डेंटल कॉलेज ऑफ रिसर्च सेंटर द्वारा संयुक्त रूप से संभाग भर के विभिन्न विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए पूर्णत: निःशुल्क विशाल स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाए जाएंगे. सोमवार (Monday) को पहले दिन पेसिफिक समूह प्रेसिडेंट प्रो. बीपी शर्मा, पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. एपी गुप्ता, पेसिफिक यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. केके दवे, सीईओ शरद कोठारी, प्रोफेसर हेमंत कोठारी, संयुक्त निदेशक (आरएससीईआरटी) शिवजी गौड़ तथा शिक्षा उपनिदेशक कमलेंद्र सिंह राणावत ने मोबाइल मेडिकल यूनिट और एंबुलेंस (Ambulances) को हरी झंडी दिखाकर किया.
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, भीलों का बेदला में 800 ग्राम वजनी नवजात को नया जीवन देकर शादी के 18 साल बाद मां-बाप बनें दम्पति की झोली को फिर से खुशीयों भर दिया, और यह सम्भव हो सका है, अनुभवी चिकित्सको की टीम, बेहतरीन इन्फ्रस्ट्रक्चर, हाईटेक उपकरण एवं बेहतर नर्सिग केयर के कारण।
एक सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ने के लिए शिक्षा का होना आवश्यक है। इसके लिए अनिवार्य है उत्कृष्ट शिक्षा और उदयपुर में ऐसी शिक्षा प्रदान करने वाले पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय के फाउंडर एंड चेयरमैन राहुल अग्रवाल है। जिन्हे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों एवं सेवाओं के लिए प्रदेश में राज्यपाल कलराज मिश्रा ने एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया। राहुल अग्रवाल की ओर से यह सम्मान पेसिफिक यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट प्रो. के. के. दवे ने प्राप्त किया। इस भव्य समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की कई नामी हस्तियां भी सम्मिलित हुई।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चेयरमैन राहुल अग्रवाल ने बताया कि दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जितेंद्र कुमार माहेश्वरी विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल व सिल्वर मेडल से नवाजेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ए पी गुप्ता ने बताया कि दीक्षांत समारोह में मेडिकल डेंटल नरसिंह एवं फिजियोथैरेपी पाठ्यक्रमों में गत वर्षो में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 40 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण रजत एवं कांस्य पदकों सहित 700 स्टूडेंट्स को उपाधि प्रदान की जाएगी। संयोजक शरद कोठारी ने बताया कि संस्था योग्य छात्रों को उनके असाधारण प्रयास के लिए उनका सम्मान करेगी। समारोह में एमबीबीएस के तीन-तीन विद्यार्थियों को स्वर्ण रजत एवं कांस्य पदक, एमएससी मेडिकल के 4 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, डेंटल में तीन स्वर्ण एवं तीन रजत, नर्सिग के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में 11 स्वर्ण तथा तीन रजत पदक तथा फिजियोथेरेपी के स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे।